पुस्तक समीक्षा: फेसबुक लाइव और जिन्दगी का दी एंड

               पुस्तक समीक्षा 
समाज का केंद्र बिंदु है: फेसबुक लाइव और जिन्दगी का दी एंड 

 चित्रकार व लघुकथाकार श्री मार्टिन जाॅन जी की प्रकाशित लघुकथा संग्रह "फेसबुक लाइव और जिन्दगी का दी एंड" एक बहु आयामी व अतुल्य लघुकथा संग्रह हैं। मार्टिन जाॅन जी ने अपनी लघुकथा में समाजिक, व्यवहारिक, आत्मविश्वास व व्यक्ति विशेष पर घटित व्यथाओ पर लघुकथा के माध्यम से ध्यान आकृष्ट करनें का प्रयास किया है। इस संकलन में कुल ७५ लघुकथाएँ हैं, जो विभिन्न दृष्टिकोण व मार्मिकता पर केन्द्रित है।               
कई लघुकथा जैसे-फासला बरकरार है, जुनून-ए-लाइक,मार्केट पॉलिसी, रोटीचोरवा,रेप वन्स अगेन आदि अनेक लघुकथाओं में  सामाजिक नजरिये को
पुस्तक: फेसबुक लाइव और जिन्दगी का दी एंड
लेखक: मार्टिन जाॅन 
दर्शाया गया हैं, जिससे कहीं न कहीं हम सब अवगत हैं। इस संकलन में कुछ और लघुकथाएं हैं जो अनुभव, शिकायत, प्यार, नफ़रत और ऐसे अनगिनत जीवन के पहलूओ को प्रकाशित कर रहा हैं। कथाकार ने स्त्री व पुरूष वर्ग पर समान आघात कर जीवन को समझने और समझाने का अथाह प्रयास किया है। यह पुस्तक अपने रूप में समाज का एक केन्द्र बिन्दु समेटा हुआ है।
                अन्ततः पुस्तक की कवर पेज, आवर्तनी व पृष्ठ अति आकर्षनिय हैं। कवि अपने शब्दों को बखूबी संजोए है। आपकी पुस्तक विश्वसनीय , आनंददायक, समीक्षार्थ,पाठनीय व अतुल्यनीय साबित हो यही मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। 

किताब: " फेसबुक लाइव और जिन्दगी का दी एंड "
कवि: श्री मार्टिन जाॅन 
प्रकाशक: रश्मि प्रकाशक, लखनऊ.
मूल्य: 175 ₹
समीक्षक: रोहित प्रसाद 'पथिक',(आसनसोल)


                     
                  

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