संघर्ष की कहानी बयां करती पुस्तक: "पटना ब्लूज"
संघर्ष की कहानी बयां करती पुस्तक: पटना ब्लूज.
लेखक व उपन्यासकार अब्दुल्लाह खान जी की अंग्र॓जी में प्रकाशित उपन्यास " पटना ब्लूज"
एक बहु आयामी व अतुल्यनीय उपन्यास हैं। लेखक अपनी कहानियों में बिहार की राजधानी पटना और आस- पास के कस्बो व इलाकों के सत्ताधारी वर्ग, राजनीति एवं बाबरी मस्जिद के ध्वस्त करने पर पर हुए प्रभाव को कहानी के माध्यम से ध्यान आकृष्ट करनें का प्रयास किया है। इस उपन्यास में जीवन मे संघर्ष की कथा और रोजमर्रा के घटनाएँ भी सम्मलित है, जो विभिन्न दृष्टिकोण व मार्मिकता पर केन्द्रित है।
कहानी आरिफ,सुमित्रा और सिविल सर्विस के नौकरी को पाने की संघर्ष पर आधारित है। आरिफ सिविल सर्विस के तैयारी के दौरान हिन्दू विवाहित महिला सुमित्रा से मुलाकात होती हैं जो प्यार में बदल जाता हैं।उपन्यास में प्रेम कथा के साथ सम्प्रदायिक दंगो की भी घटनाए है। आरिफ के भाई जाकिर मुम्बई अभिनय में भाग चमकाने जाता है परन्तु उसे आतंकवादी समझा जाता हैं,इस प्रकार से घर के सदस्य काफी घबराने लगते हैं एवं जाकिर को ढूंढने लगते हैं। संघर्ष के साथ-साथ प्रेम, दर्द, भय, नफरत जैसे अनगिनत वाक्या को दर्शाया गया है ।
अन्ततः पुस्तक की कवर पेज, आवर्तनी व पृष्ठ अति आकर्षनिय हैं। लेखक अपने शब्दों को बखूबी संजोए है। आपकी पुस्तक विश्वसनीय , आनंददायक, समीक्षार्थ,पाठनीय व अतुल्यनीय साबित हो यही मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।
किताब: " पटना ब्लूज"
कवि: अब्दुल्लाह खान
प्रकाशक: जगरनाॅट प्रकाशन
मूल्य: 499/-
समीक्षक: रोहित प्रसाद 'पथिक',(आसनसोल)
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